रस्टिंग की समस्या से परेशान बागवानों को पैटल फॉल के दौरान 200 लीटर पानी में 250 ग्राम बोरिक एसिड का छिडक़ाल करना जरूरी है। इससे रस्टिंग पर काबू पाया जा सकता है। फ्रूट सैटिंग पर सबसे पहली स्प्रे कैल्शियम नाइट्रट की करें। कैल्शियम नाइट्रेट फ्रूट की सैल डिविजन में मदद करता है। यहां ध्यान रखा जाए कि इसके साथ बोरोन की स्प्रे कतई न करें। यहां प्रसंगवश यह भी जिक्र जरूरी है कि किसी भी खाद के साथ मिलाकर बोरोन की स्प्रे न करें। इससे फसल को नुकसान हो सकता है। कारण यह है कि केमिकल फर्टीलाइजर के साथ बोरोन की कंपेटिबिलिटी नहीं है। कैल्शियम नाइट्रेट की स्प्रे 45 दिन के भीतर फिर दोहराएं। इससे फ्रूट की सैल डिविजन, फ्रूट लोंगेशन व साइज के बढऩे में काफी मदद मिलती है।
फ्रूट सैटिंग के बाद कैल्शियम नाइट्रेट के साथ सौ ग्राम मैगनीशियम मिलाने से प्रकाश संश्लेषण अच्छा होता है। क्योंकि मैगनीशियम पत्तियों में क्लोरोफिल को बढ़ाता है। बागीचे में पाउड्रीमिलड्री की परेशानी को दूर करने के लिए माइक्रोबुटानिल की स्प्रे की जानी चाहिए। मई महीने में माइट पर नियंत्रण के लिए 200 लीटर पानी में डेढ़ से दो लीटर समर ऑयल की स्प्रे जरूर करें। इससे माइट का खतरा टल जाता है। इस स्प्रे से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया तेज होती है।