मार्च महीने में फूल आने से दो या तीन सप्ताह पहले नाइट्रोजन की आधी मात्रा पौधों के तौलिए में डालें। इसी तरह अप्रैल माह या फ्रूट सेट होने के बाद बची हुई नाइट्रोजन की आधी मात्रा भी डाल दें। यदि किसी कारणवश नाइट्रोजन (कैन खाद) भूमि में न डाल सकें तो 200 लीटर पानी में एक किलोग्राम घोल कर छिडक़ाव करें। बोरोन की कमी को दूर करने के लिए 200 ग्राम बोरीक एसिड 200 लीटर पानी में घोल कर 15 दिन में दो छिडक़ाव जून माह में करें। इसी तरह मैग्नीज की कमी पर मैग्नीज सल्फेट 800 ग्राम 200 लीटर पानी में घोल कर 15 दिन के भीतर दो छिडक़ाव करें। कॉपर (तांबा) की कमी को दूर करने के लिए कॉपर सल्फेट 600 ग्राम 200 लीटर पानी में घोल कर 15 दिन के अंदर जून-जुलाई में दो छिडक़ाव करें। कैल्शियम की कमी दूर करने के लिए एक किलोग्राम कैल्शियम क्लोराईड 200 लीटर पानी में घोल कर तुड़ाई से 45 दिन और 30 दिन पहले दो छिडक़ाव करें। यह छिडक़ाव फल भंडारण के लिए आवश्यक है। यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जिंक सल्फेट, कॉपर सल्फेट और मैग्नीज सल्फेट के साथ आधी मात्रा में अनबुझा चूना अवश्य मिलाएं नहीं तो पत्ते झुलस सकते है और फल पर भी व्याधियां आ सकती हैं।
Author: Unknown
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