नीला थोथा पाउडर ड्रेंचिंग

बरसात के दौरान बागवान बागीचों में रॉट जैसी घातक बीमारी की रोकथाम के उपाय कर सकते हैं। अगर यह काम किसी कारणवश छूट जाए तो बागवान इसे जनवरी में भी कर सकते हैं, क्योंकि ड्रेंचिंग के लिए बागीचे में उचित नमी का होना अति आवश्यक है। लेकिन इसके लिए पौधों की जडों को खाली करना सही नहीं है। इससे जमीन में दबे कीटाणु पूरे बागीचे में फैल सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो पूरा का पूरा बागीचा नष्ट हो सकता है। व्यस्क पौधों के तौलिए में 250 ग्राम नीला थोथा पाऊडर रूप में डाला जा सकता है। इस उपचार का सही समय मार्च माह है, हालांकि बागवान यह उपचार जुलाई माह में भी कर सकते हैं।


SHARE THIS

Author:

Previous Post
Next Post