मिटटी का सैम्पल पूरे क्षेत्र की मिटटी का प्रतिनिधित्व करता है। मिटटी में फल उगाने की क्षमता,खादों और खनिज पदार्थों की मात्रा की जानकारी प्राप्त करने के लिए मिटटी विश्लेषण आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश में सेब एसिडिकि से लेकर न्यूटल मिटटी में होता है। और इस प्रकार की मृदा से 4 से 8 संख्या तक मृदा के सैम्पल विसलेषण के लिए काफी होते हैं। सैम्पल को खाद डालने से पहले नवम्बर-दिसम्बर के माह में एकत्रित करना चाहिए तथा इसे पेड़ के तने के आसपास के क्षेत्र से लेना चाहिए। मृदा के सैम्पल 0 से 15 सै- मी- की गहराई से लेने चाहिए।
सैम्पल एकत्रित करने की विधि:
1. सैम्पल एकत्रित करने वाले यन्त्र जैसे खुरपी या बेलचा साफ सुथरे होने चाहिए । सैम्पल को साफ बर्तन में रखना चाहिए।
2. सैम्पल लेते समय सतह की घास को हटा देना चाहिए और युू या वी आकार के गडढे खोद कर मृदा इक्टठी करनी चाहिए ।
3.भूमि के 0 से 15 सै मी की गहराई से 1-5 से 2-5 सै- मी- मृदा का खंड लेना चाहिए ।
4. प्रत्येक क्षेत्र के सैम्पल को अखबार या कागज पर सूखने देना चाहिए।
5. सैम्पल के चार खडों को एक अखबार पर रखना चाहिए और आमने सामने के सैम्पलों को मिला कर एक सैम्पल बना देना चाहिए तथा इसका कुल भार 500 ग्राम होना चाहिए।
6. तत्पश्चात सैम्पल को पोलीथीन या कपड़े के बैग में बन्द कर देना चाहिए।
7. प्रत्येक बैग पर लेबल लगा कर उस पर पता, एकत्र करने की तिथि, क्षेत्र का ढलान, क्षेत्र की सिङ्क्षचत व न सिङ्क्षचत होने की जानकारी , फसल का नाम तथा अन्य जानकारी लिख देनी चाहिए।