सितंबर महीने में सेब के पौधों में अगले साल के लिए बड मेच्योर होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसलिए इस महीने सेब तुड़ान के बाद एक स्प्रे जरूरी है। इस स्प्रे के लिए एक ड्रम में 200 लीटर पानी लें। फिर उस पानी में एक किलो पोटाश (0:0:50)अथवा इसी मात्रा में पोटाशियम नाइट्रेट (13:0:45) में 200 ग्राम चिलेटिड जिंक या एक किलो जिंक सल्फेट मिलाकर पौधों पर स्प्रे करें, 200 ग्राम चूने जरूरी है।इस मिश्रण स्प्रे करने से पहले यह देखना जरूरी है कि पौधों पर साठ फीसदी पत्ते मौजूद होने चाहिए। तभी इस स्प्रे का असर देखने को मिलेगा। यह स्प्रे 20 सितंबर से पहले होनी चाहिए। इस स्प्रे से बड यानी बीमे को ताकत मिलती है और अगले साल भी बागीचों में नियमित पैदावार के बेहतर अवसर बने रहते हैं। सेब तुड़ान के दौरान पौधों को पेश आने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 200 लीटर पानी में 600 ग्राम ब्लाइटोक्स मिलाकर स्प्रे करें। यदि बागीचों में वुलिएफिड की समस्या हो तो 600 ग्राम ब्लाइटोक्स के साथ 400 ग्राम टाटा रोगर की स्प्रे करें। वुलिएफिड की रोकथाम के लिए रोगर सबसे कारगर रसायन है। यह ध्यान रखना सबसे जरूरी है कि ब्लाइटोक्स के साथ खाद के रूप में किसी भी तरह का माइक्रोन्यूट्रीएंट न मिलाएं। अन्यथा बागीचे में संक्रमण हो सकता है और पत्तियां झड़ सकती हैं।
Author: Unknown
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