जनवरी माह में बागीचों मेंलाइकेन यानी बिंची की समस्या पाई जाती है। कश्मीर से लेकर कुल्लू तक के बागीचे इस परजीवी से ग्रस्त हैं। यह पौधे से भोजन चूसता है। यह गीले स्थान पर पाया जाता है। इसकी मार से पौधा कमजोर हो जाता है। लाइकेन यानी बिंची के उपचार का समय तब है, जब पौधा डोरमेंसी में होता है। उस समय दो किलो कॉस्टिक सोडा 200 लीटर पानी में मिलाएं और उसका छिडक़ाव करें। यदि तनों पर अधिक प्रकोप दिखे तो उक्त घोल से कपड़े को भिगो कर लाइकेन वाले स्थान पर लगाना चाहिए।
लाइकेन यानी बिंची की समस्या
जनवरी माह में बागीचों मेंलाइकेन यानी बिंची की समस्या पाई जाती है। कश्मीर से लेकर कुल्लू तक के बागीचे इस परजीवी से ग्रस्त हैं। यह पौधे से भोजन चूसता है। यह गीले स्थान पर पाया जाता है। इसकी मार से पौधा कमजोर हो जाता है। लाइकेन यानी बिंची के उपचार का समय तब है, जब पौधा डोरमेंसी में होता है। उस समय दो किलो कॉस्टिक सोडा 200 लीटर पानी में मिलाएं और उसका छिडक़ाव करें। यदि तनों पर अधिक प्रकोप दिखे तो उक्त घोल से कपड़े को भिगो कर लाइकेन वाले स्थान पर लगाना चाहिए।