सेब का पौधा लगाने के दूसरी साल के बाद पौधे की ट्रैनिंग शुरू होती है जिस के अन्र्तगत पौधे को हर दिशा में और 45 डिग्री में मोडा़ जाता है। ऐसा करने से एक तो पौधे का आकार बनता है और पौधे की शाखाएं आपस में नहीं मिलती। दूसरा शाखाओं को 45 डिग्री में मोडऩे से स्पर का विकास जल्दी और ज्यादा होता है। इसके विपरित शाखाओं की बढ़ौतरी कम होती है। ट्रैङ्क्षनग के बाद पौधों में कांट-छांट शुरू होती है। जो हर वर्ष पौधे के पुरे जीवन काल तक होती है। इसमें पौधे में केवल नई शखाओं और पुराने स्पर का विरलन किया जाता है।
Author: Unknown
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