सेब के बागीचे में कम फल लगने में प्रूनिंग का एहम योगदान है। बागवान बागीचे में प्रूनिंग करवाने से पहले पूरी जानकरी रखें यह सबसे जरूरी है। इटली जैसे देश पहले तीन साल पौधें की प्रूनिंग नहीं करते है। हां पर पौधे की पोषक तत्व को लेकर वे इन तीन सालों सचेत रहता है। तीन साल तक कौन सा पोषक तत्व जरूरा है इस पर नजर रखी जाती है। पौधे की ग्रोथ आए इसको लेकर उचित कदम उठाए जाते हैं। इसका मकसद केवल यह होता है कि पौधे की बढौतरी तीन साल सुचारू रहे। सेब के पौधों की प्रूनिंग वे चौथी साल शुरू करते हैं। प्रदेश में सेब की प्रूनिंग दूसरी साल से शुरू कर देते है यह जरूरी है सही तकनीक की जानकारी होना आवश्यक है। प्रदेश में सेब की फसल को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक साल सेब का ऑफ ईयर होता है तो दूसरी साल ऑन ईयर होता है। ऐसे भी नहीं है कि जिस साल ऑन ईयर हो उस साल कई क्षेत्रों और बागीचों मेंं बंपर फसल होगी। अब अगर जिस साल ऑन ईयर है और बागवान के बागीचे में सेब की पैदावार कम लगी तो ऐसे बागवान को दूसरी साल प्रूनिंग की तकनीक में बदलाव करना जरूरी है। वे अपने बागीचे मेें अगले साल ऑन ईयर के हिसाब से प्रूनिंग करें ।
Author: Unknown
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