अब पत्तों पर पैनी नजर रखने से होगा माईट का बचाव

सेब का माईट मकड़ा है जिसकी दो प्रजातियां युरोपियन रैड माईट तथा टू-स्पॉटिड माईट माईट सेब की फसल को नुक्सान पहुचातें हैं। यूरोपियन रैड माईट लाल रंग और छोटा होता है है और लैंस की सहायता से सुगमता से देखा जा सकता है। वयस्क मादा की लम्बाई 0.4 मि.मी. लम्बी होती है, जिसकी पीठ उभर हुई तथा उस पर श्वेत गोल चिन्ह होते है सर्दियों में दिए जाने वाले अण्डे गहरे लाल रंग के तथा गर्मियों में अण्डों का रंग हल्का लाल होता है। रैड माईट के लारवा अपने सुईनुमा मुंह से पत्तियों में कई बार छेद करते हैं तथा पौधे का क्लोरोफिल चाट जाते हैं। माईट बागीच में फसल को बर्बाद करके दूसरी साल होने वालीफल को भी नुक्सान पहुचातें हैं। माइट को लेकर बागवान कुछ लापरवाह रहते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए। माइट का स्प्रे पत्तों की सही जांच के बाद जून के प्रथम सप्ताह की जानी चाहिए जबकि बागवान तब स्प्रे करते है जब माइट पत्तों को नुक्सान करके फसल का नुक्सान कर चुका होता है ।
माईट को कैसे नियंत्रित करें
रैड माईट का नियन्त्रण का सबसे कारगर तरीका हॉर्टिक्ल्चरल मिनरल ऑयलकी स्प्रे है। बागीच में माईट की संख्या दो से तीन हो तो दो लीटर ऑयल 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें । ,पर उसके लिए पत्तों कर सही जांच करना आवश्यक है । ऑयल में किसी भी तरह के कीटनाशक को नहीं मिलाया जाना चाहिए। दूसरा उपाय अनुकूल मौसम में माईटनाशक रसायनों में सीपरोमैसीफीन 22.7 फीसदी एससी, 60 एमएल 200 लीटर पानी में शुरू में स्प्रे करने से होता है। यह दवाई शुरू में करे बागीच में माईट की संख्या अधिक होने पर यह कारगार नहीं है,ऐस में फन्जाक्वीन 10 ईसी, 50 एमएल,हैकसीथाईजोक्स, 200 एमएल और प्रापाजाइट, 200 एमएल का प्रयोग 200 लीटर पानी में स्प्रे कर माईट की रोकथाम कर सकतें है। बागवान यह ध्यान रखें की सामान्य कीटनाशकों का प्रयोग माईट नियन्त्रण में कारगर नहीं है।

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