पराग कणों को ब्रश से लगाना थोड़ा कठिन कार्य है। पराग कोषों यानी एन्थर्स को एकत्र कर कपड़े में लपेट कर उन्हें ओवन में 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाता है। एक दिन बाद ही उनमें परागकण निकल जाते हैं। इन्हें ब्रश की सहायता से हर चौथे बीमें में लगा देने से फसल में बढ़ोतरी होती है। यह देखा गया है कि यदि फूल आने के समय मौसम अधिक ठंडा और गर्म हो तो परागकण किस्मों में पर्याप्त मात्रा में फूल लगने के बावजूद फसल बहुत कम लगती है। सफल परागकण के लिए फूल खिलने के दौरान उचित तापमान का होना जरूरी है। अक्सर यह देखा गया है कि कम तापमान में परागण और निशेचन क्रिया पूरा होने में अधिक समय लेती हैं। उदाहरण के तौर पर 8 डिग्री सेल्सियस पर इस क्रिया को पूरा करने में 216 घंटे लगते हैं, जबकि 15 डिग्री सेल्सियस तापमान पर यह किया केवल 48 घंटों में हो जाती हैं। फूल लगने से पहले इसका मजबूत होना जरूरी है ताकि वह तापमान के उतार-चढ़ाव को सहन करने की क्षमता रख सके। इसके लिए पौधे की हरी कली अवस्था पर यूरिया 0.5, बोरीक एसिड 0.1 प्रतिशत ओर अन्य बलवर्धक हार्मोन एवं पोषक तत्वों का छिडक़ाव करना चाहिए। परागनलिका की बढ़ोतरी में बोरीक एसिड अहम भूमिका निभाता है।

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