बागवान बागीचों में इस समय धड़ल्ले से कीटनाशकों की स्प्रे कर रहे हैं।
यह गलत है। इस समय कीटनाशकों की स्प्रे नहीं की जानी चाहिए। कारण यह है
कि फ्रूट सैटिंग में कीटनाशकों की स्प्रे का कोई रोल नहीं है। आज से पांच
या छह साल पहले जो कीटनाशकों की स्प्रे की जाती थी, वो फूलों में थ्रिप्स
की अधिक संख्या होने के कारण की जाती थी। वह स्प्रे थ्रिप्स को कंट्रोल
करने के लिए होती थी। पिछले कुछ सालों में वातावरण इन दिनों यानी मार्च
अप्रैल में सर्द ही चल रहा है। ऐसे में थ्रिप्स ऑटोमेटिकली कंट्रोल हो गए
हैं। इस समय जो बागवान कीटनाशकों की स्प्रे कर रहे हैं, उससे मित्र कीट नष्ट
हो रहे हैं। इससे माइट व सेंजो स्केल पनप रहा है।
कीट विज्ञानी डॉ. सुषमा भारद्वाज का कहना है कि इस समय
कीटनाशकों की स्प्रे जरूरी नहीं है। पिंक बड पर तो यूं भी कीटनाशकों की
स्प्रे नहीं करनी चाहिए। बागवानी विशेषज्ञ भी इस समय कीटनाशकों की स्प्रे
को रिकमंड नहीं करते हैं। यदि इस समय कीटनाशकों की स्प्रे की जाए तो उससे
मित्र कीट नष्ट होते हैं और माइट व सेंजो स्केल पनपता है।