परागण प्रक्रिया को मदद करने में यह क डाईप्टोरा, हाईमिनोप्टेरा, लेपीडोप्टेरा, कोलियोप्टेरा और थाईसेनाप्टोरा सहायक है। बागवानों में पॉलीनेशन के प्रति जानकारी होना सेब व चैरी अच्छी पैदावार के लिए जरूरी है। मधुमक्खियों और अन्य कीटों से किये जाने वाले पॉलीनेशन से बादाम और सेब के पैदावार में 20 से 25 और चैरी में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। कुल्लु घाटी में फल उत्पादन में देसी मधुमक्खी एपिस सिराना का महत्वपुर्ण योगदान देखा गया है, जबकि विदेशी मधुमक्खी एपिस मेलीफेरा परायह मधुमक्खी कम तापमान में भी पॉलीनेशन करने मेें सहायक है। पॉलीनेशन सही न होने से फलों का आकार छोटा और टेढ़ा-मेढ़ा होता है। तापमान 21 डिग्री सेल्सियस के आस पास हो तो मधुमक्खियों पॉलीनेशन प्रक्रिया बहुत अच्छी होती है।
बागीचों से हटांए अनचाह घास
बागीचों में मधुमक्खियां रखी जाएं तो फूलदार पौधे जैसे मूली और सरसों आदि नहीं होने चाहिए। ऐसा होने पर मक्ख्यिों इन फूलों पर चली जाएंगी, जिससे सेब में का परागण प्रक्रिया प्रभावित होगी ।
मधुमक्खियों स्थान बदलना होगा नुक्सानदायक
मधुमक्खियों के बक्से को एक दिन में एक से दूसरी जगह नहीं ले जाना चाहिए ऐसा करने से मधुमक्खियां पुराने स्थान आएगी और बक्सा न मिलने पर यह मर सकती है। इसलिए मधुमक्खियों बक्से को एक दिन में एक मिटर से अधिक दूरी पर नही ले जाना चाहिए ।
बागीच में करें पानी की व्यवस्था
बागीचे में जब बागवान मधुमक्खियों के बक्से रख लें, उसके बाद कीटनाशकों का छिडक़ाव न करें। मधुमक्खियों को अपने शरीर का तापमान बनाने और अंडशावकों को पैदा करने के लिए पानी की जरूरत होती है। ऐसे में मधुमक्खियां पानी की तलाश में भटकती है। बागवानों को चाहिए कि वे बक्सों के साथ ही साफ पानी रखें ।
मधुमक्खियों को बागीच में रखने के कुछ सुझाव
पांच बीघे में मधुमक्खियों का तीन बॉक्स लगाना जरूरी है। बक्से कम हवा और अधिक धुप वाले स्थान पर होने चाहिए। मधुमक्खियों की संख्या को मापने के लिए दो से तीन मक्खियां फूल के झुुुुंड पर मंडऱाती नजर आए तो समझ लेना चाहिए बक्से में पर्याप्त मौनवंश है। कम से कम 10 पेड़ों पर एक दिन में जांच करें। पुराने बागीचे में अच्छे पॉलीनेशन के लिए कम से कम 20 मधुमक्खियां प्रति पेड़ प्रति मिनट की दर से मंडऱानी चाहिएं। सेटिंग के दौरान कम से कम 25 फलों को चुनें और इन्हें काट कर इनके बीज गिने। यदि 5-6 से कम बीज हों तो पॉलीनेशन सही नहीं हुआ है।